राष्ट्रपति मुर्मु अपनी न्यूजीलैंड की तीन दिवसीय राजकीय यात्रा के दौरान 7 अगस्त 2024 को ऑकलैंड पहुँचीं। न्यूजीलैंड कृषि एवं वाणिज्य मंत्री टोड मैक्कले (Todd McClay) ने ऑकलैंड एअरपोर्ट पर न्यूज़ीलैंड सरकार की ओर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का स्वागत किया। इस अवसर पर न्यूज़ीलैंड में भारत की उच्चायुक्त नीता भूषण ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की अगवानी की।
दूसरे दिन सुबह (8 अगस्त, 2024) राष्ट्रपति न्यूजीलैंड की राजधानी वेलिंगटन पहुंचीं, जहां गवर्नमेंट हाउस में न्यूजीलैंड की गवर्नर जनरल डेम सिंडी किरो ने राष्ट्रपति मुर्मु की अगवानी की।
राष्ट्रपति का पारंपरिक माओरी ‘पोफिरी’ समारोह के साथ स्वागत किया गया।
पारंपरिक स्वागत समारोह के पश्चात राष्ट्रपति को रॉयल गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
न्यूजीलैंड की गवर्नर जनरल एवं भारत की राष्ट्रपति मुर्मु के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। इस बैठक के दौरान दोनों राजनेताओं ने भारत एवं न्यूजीलैंड के मैत्रीपूर्ण संबंधों की सराहना की और विभिन्न क्षेत्रों में परस्पर सहयोग पर चर्चा की। उन्होंने विशेषतः व्यापार और कारोबार के माध्यम से पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग और साझेदारियां सुनिश्चित करके भारत-न्यूजीलैंड आर्थिक संबंधों के दायरे को व्यापक बनाने के प्रयासों को जारी रखने की आवश्यकता पर भी सहमति प्रकट की।
राष्ट्रपति ने अपने अगले कार्यक्रम के अंतर्गत ‘न्यूजीलैंड अंतरराष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन’ को संबोधित किया। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन के दौरान ज्ञान की खोज करने की समृद्ध भारतीय परंपरा और शिक्षा के क्षेत्र में हुई समकालीन प्रगति के बारे में विस्तार से बताया जिसमें ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ भी सम्मिलित है। इसका उद्देश्य बहु-विषयक शिक्षा, गहन सोच, और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी क्षमता को बढ़ावा देकर भारतीय शिक्षा परिदृश्य में व्यापक बदलाव लाना है।
राष्ट्रपति ने कहा कि न्यूजीलैंड अनुसंधान एवं नवाचार, समावेशिता और उत्कृष्टता पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपनी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रसिद्ध है। अनगिनत भारतीय विद्यार्थी न्यूजीलैंड के विभिन्न संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं मशीन लर्निंग, व्यावसायिक व कौशल-आधारित प्रशिक्षण, जलवायु एवं पर्यावरण अध्ययन, सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों, अनुसंधान एवं नवाचार के क्षेत्रों में दोनों देशों के संस्थानों के बीच और अधिक शैक्षणिक आदान-प्रदान एवं परस्पर सहयोग को प्रोत्साहित किया।
न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने भी राष्ट्रपति से भेंट की। दोनों राजनेताओं ने सांस्कृतिक संबंधों को प्रगाढ़ करने से लेकर क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के प्रति कटिबद्धता वाले विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन से पहले न्यूजीलैंड के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स ने भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से भेंट की। दोनों राजनेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों में अब तक हुई प्रगति को स्वीकार किया और परस्पर सहयोग बढ़ाने के विषयों पर चर्चा की।
राष्ट्रपति ने वेलिंगटन रेलवे स्टेशन पर महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद राष्ट्रपति ने वेलिंगटन में पुकेहू राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए माल्यार्पण किया। गवर्नर जनरल डेम सिंडी किरो इन दोनों ही अवसरों पर माननीया राष्ट्रपति के साथ रहीं।
वेलिंगटन में अपने अंतिम आधिकारिक कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अपने सम्मान में गवर्नर जनरल किरो द्वारा आयोजित रात्रिभोज में भाग लिया। इस अवसर पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और न्यूजीलैंड ने पिछले कुछ वर्षों में गर्मजोशीपूर्ण और मैत्रीपूर्ण जुड़ाव विकसित किया है, जो लोकतंत्र और कानून के शासन में निहित साझा मूल्यों पर आधारित है। दोनों ही देश विविधता और समावेशिता को विशेष महत्व देते हैं जो हमारे समाज के बहुसांस्कृतिक ताने-बाने में बिल्कुल स्पष्ट है। राष्ट्रपति ने कहा कि भविष्य पर एक नजर डालने पर यह स्पष्ट हो जाता है कि न्यूजीलैंड के साथ हमारे जुड़ाव को सुदृढ़ करने और परस्पर सहयोग के नए रास्ते तलाशने की अपार संभावनाएं हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, हरित प्रौद्योगिकी, कृषि प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष की वाणिज्यिक खोज के क्षेत्र में परस्पर सहयोग के लिए अपार अवसर हैं।
राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुई कि वैश्विक क्षेत्र में भारत और न्यूजीलैंड ने जलवायु परिवर्तन, सतत विकास और अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए लगातार मिलकर काम किया है।
राजकीय यात्रा के दौरान दोनों राजनेताओं के बीच अभूतपूर्व गर्मजोशीपूर्ण और सौहार्दपूर्ण संवाद से उनके बीच विशेष जुड़ाव और आत्मीयता सामने आई। गवर्नर जनरल डेम सिंडी किरो इस पद पर आसीन होने वाली माओरी मूल की प्रथम महिला हैं, जबकि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु जनजातीय समुदाय से भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति हैं। दोनों राजनेताओं की शिक्षा के क्षेत्र में भी समान रुचि और अनुभव है।
वेलिंगटन में आधिकारिक कार्यक्रमों के पश्चात राष्ट्रपति ऑकलैंड के लिए रवाना हो गईं।
9 अगस्त की सुबह राष्ट्रपति ने ऑकलैंड में क्रूज़ का आनंद लिया।
9 अगस्त की शाम को राष्ट्रपति ने ऑकलैंड में भारतीय समुदाय को भी संबोधित किया।
रात को राष्ट्रपति न्यूज़ीलैंड ने न्यूज़ीलैंड से विदा ली और तिमोर-लेस्ते की अपनी राजकीय यात्रा के लिए प्रस्थान किया।
-रोहित कुमार हैप्पी
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भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने न्यूजीलैंड में भारतीय समुदाय के लिए आयोजित स्वागत समारोह संबोधन
9 अगस्त 2024, ऑकलैंड
आप सभी को भारत में आपके भाइयों और बहनों की ओर से हार्दिक अभिनंदन! ऑकलैंड में ऐसे जीवंत और ओजस्वी इंडियन कम्यूनिटी के बीच उपस्थित होना, मेरे लिए खुशी और सम्मान की बात है। आज जब मैं आपके सामने खड़ी हूँ, तो मैं न्यूजीलैंड में भारतीय प्रवासियों के साहस और उपलब्धियों को देखकर गौरवान्वित हूं।
मेरे साथ, हमारे राज्य मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन, साथ ही लोक सभा के दो सांसद, श्री सौमित्र खान और श्री जुगल किशोर भी हैं।
न्यूज़ीलैंड के साथ हमारे संबंध बहुत गहरे और बहुआयामी हैं। यहाँ का भारतीय समुदाय इस खूबसूरत देश के सामाजिक ताने-बाने का अभिन्न अंग बन गया है। भारतीय समुदाय ने यहाँ के विकास और समृद्धि में अहम भूमिका निभाई है। व्यवसाय से लेकर शिक्षा जगत, स्वास्थ्य सेवा से लेकर प्रौद्योगिकी तक, आपका योगदान अमूल्य है।
न्यूज़ीलैंड की आबादी में भारतीय मूल के लोगों की संख्या लगभग 6% है, और आपका प्रभाव जीवन के हर क्षेत्र में स्पष्ट है। आपके समर्पण और कड़ी मेहनत ने न केवल आपके परिवारों का उत्थान किया है, बल्कि व्यापक न्यूज़ीलैंड समाज और अर्थव्यवस्था में भी बहुत बड़ा योगदान दिया है। हमारे कई प्रवासी सदस्यों ने इस देश में बहुत ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। सर आनंद सत्यानंद, जो 2006 से 2011 तक गवर्नर जनरल थे, का यहाँ और भारत, दोनों जगह अत्यधिक सम्मान किया जाता है। इसी तरह, सर एडमंड हिलेरी भारत में एक जाना- माना नाम हैं। हमारे खेल और सांस्कृतिक संबंध मजबूत रहे हैं। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि भारत की पहली हॉकी टीम ने लगभग 100 साल पहले, 1926 में न्यूज़ीलैंड का दौरा किया था।
शिक्षा के क्षेत्र में हमारा सहयोग अत्यंत उपयोगी रहा है। हजारों भारतीय छात्र न्यूजीलैंड में अध्ययन कर रहे हैं। मुझे यह देखकर प्रसन्नता हुई कि न्यूजीलैंड के हमारे मित्र योग, मेडिटेशन और भारतीय संगीत और नृत्य सीखने के लिए भी भारत आ रहे हैं। दोनों देश आईआईटी देहली में स्थापित इंडिया-न्यूज़ीलैंड सेंटर के माध्यम से सहयोग कर रहे हैं। कल वेलिंगटन में, मैंने न्यूज़ीलैंड इंटरनेशनल एड्यूकेशन कोन्फ्रेंस (New Zealand International Education Conference) को संबोधित किया, जिसमें भारत कंट्री ऑफ ऑनर (Country of Honour) है। यह शिक्षा के क्षेत्र में हमारे सहयोग को आगे बढ़ाने के हमारे दोनों देशों के संकल्प को दर्शाता है।
न्यूजीलैंड में बसे भारतीय समुदाय का समर्पण, कड़ी मेहनत और रचनात्मक भावना सराहनीय है। ये वे मूल्य हैं, जिन्होंने पीढ़ियों से हमारा मार्गदर्शन दिया है, और भविष्य में भी हमें प्रेरित करते रहेंगे। आप में से हर कोई, अपने-अपने तरीके से भारत का प्रतिनिधित्व करता है। आप अपने साथ हमारी मातृभूमि की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत लेकर आए हैं, और आपने इसे न्यूजीलैंड की विविध संस्कृति के साथ सहजता से मिलाया है। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि दिवाली, ओणम, होली, बैसाखी और पोंगल जैसे भारतीय त्यौहार पूरे न्यूजीलैंड में उत्साह से मनाए जाते हैं। संस्कृतियों का यह सुंदर संगम, भारतीय समुदाय की सबसे बड़ी ताकत है।
यह देखकर मुझे खुशी हुई कि हमारे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उच्च स्तरीय यात्राओं, व्यापार और प्रतिनिधिमंडलों के आदान-प्रदान ने भारत और न्यूजीलैंड के बीच 'अंडरस्टेंडिंग' को गहरा करने, और सहयोग के नए रास्ते तलाशने में योगदान दिया है।
कल, वेलिंगटन में, गवर्नर जनरल डेम कीरो (Governor General Dame Kiro), प्रधान मंत्री लक्सन (Luxon), और उप प्रधान मंत्री पीटर्स (Peters) के साथ मेरी बहुत उपयोगी बैठकें हुईं। हमने भारत-न्यूजीलैंड साझेदारी को और मजबूत करने पर चर्चा की, जिसमें भारतीय समुदाय की भी प्रमुख भूमिका है।
मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हम जल्द ही ऑकलैंड में एक कोंसुलेट खोलेंगे, जिसका उद्देश्य यहां बसे हमारे प्रवासी भारतीयों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करना है। मुझे विश्वास है कि यह न्यूजीलैंड के साथ हमारे डिप्लोमैटिक संबंधों को और बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाएगा।
प्रिय भाइयो और बहनो,
कुछ ही दिनों में, भारत अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। आज़ादी के समय से अमृत काल तक, हमारा प्रिय देश बहुत आगे बढ़ चुका है। सबसे बड़े और सबसे जीवंत लोकतंत्र के रूप में, भारत आज दुनिया में लोकतंत्र का प्रतीक बन गया है।
हमने दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में, अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। बहुत जल्द हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जायेंगे। डिजिटल इंडिया मेक इन इंडिया और स्किल इंडिया जैसी इनिशियेटिव हमारे लाखों नागरिकों को सशक्त बना रही हैं, और वैश्विक सहयोग के अवसर पैदा कर रही हैं।
जैसे-जैसे हम 2047 तक एक विकसित भारत के निर्माण के अपने उद्देश्य की ओर बढ़ रहे हैं, हम प्रवासी भारतीय समुदाय के साथ अपने संबंधों को और मजबूत करना चाहते हैं। हम दुनिया भर में अपने प्रवासी भारतीय समुदाय को, अपने सपनों का भारत बनाने की इस यात्रा में महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में देखते हैं।
आपका स्किल, एक्सप्रटाइज़ एक्स्पर्टीज़, और अनुभव हमारे देश की प्रगति के लिए मूल्यवान हैं। बिजनेस कोऑपरेशन हो या एड्यूकेशन एक्सचेंज, आपके पास भारत की डिवेल्पमैंट स्टोरी में योगदान देने और उसका हिस्सा बनने के अनगिनत तरीके हैं। इसके अलावा, इस खूबसूरत देश में भारत के प्रतिनिधि के रूप में, आप हमारे दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आपसी समझ और सहयोग को बढ़ावा देने में आपके प्रयास सराहनीय हैं। मैं इस अवसर पर न्यूजीलैंड सरकार और इस महान देश के लोगों की भी सराहना करना चाहती हूं, जिन्होंने भारतीय समुदाय को गर्मजोशी से अपनाया है। आपकी इंक्लुसिव और वेल्कमिंग भावना ने हमारे समुदाय को फलने-फूलने और समृद्ध होने में सक्षम बनाया है।
अंत में, मैं दोहराना चाहूंगी कि हमें आप सभी पर कितना गर्व है। आपकी उपलब्धियाँ हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। आइए, हम भारत और न्यूज़ीलैंड के उज्ज्वल भविष्य के लिए मिलकर काम करना जारी रखें।
धन्यवाद,
जय हिन्द!
[भारत-दर्शन समाचार]