कही अल्लाह कही राम लिख देंगे ! इंक़लाब का तूफ़ान लिख देंगे !! जितना मर्ज़ी चाहे मिटा लो दुनिया वालो ! हम ज़र्रे ज़र्रे में हिंदुस्तान लिख देंगे !! ज़मीने बदल गई , आसमान बदल गए ! इक चादर में सोने वालो के मकाँ बदल गए !! इस बदलाव के नाम एक पैग़ाम लिख देंगे ! हम हर उगते हुए माथे पे एक हिंदुस्तान लिख देंगे !! सच कि तलाश में आईने निकल गए ! अँधेरा इतना गर्म था कि उजाले पिघल गए !! हम ऐसे मौसम के नाम फ़रमान लिख देंगे ! मंदिरो कि हवाओं पे अ- सलाम लिख देंगे !! न रहे राज़ कोई न राज़दारी रहे ! दुनिया में कुछ रहे तो ईमान और वफादारी रहे !! हर बिगड़े हुए ईमान को बे-ईमान लिख देंगे ! हम हर जुबां पे सर ज़मीने-ए-हिंदुस्तान लिख देंगे !!
- यतीन्द्र श्रीवास्तव
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