यदि मैं तानाशाह होता........
- तो आज ही विदेशी भाषा में शिक्षा का दिया जाना बंद कर देता।
- सारे अध्यापकों को स्वदेशी भाषाएँ अपनाने को मजबूर कर देता।
- जो आनाकानी करते, उन्हें बर्ख़ास्त कर देता।
- मैं पाठ्य पुस्तकों के तैयार किए जाने का इन्तजार न करता।
साभार - यंग इंडिया (हिंदी आंदोलन)
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