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बाल-साहित्य
बाल साहित्य के अन्तर्गत वह शिक्षाप्रद साहित्य आता है जिसका लेखन बच्चों के मानसिक स्तर को ध्यान में रखकर किया गया हो। बाल साहित्य में रोचक शिक्षाप्रद बाल-कहानियाँ, बाल गीत व कविताएँ प्रमुख हैं। हिन्दी साहित्य में बाल साहित्य की परम्परा बहुत समृद्ध है। पंचतंत्र की कथाएँ बाल साहित्य का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं। हिंदी बाल-साहित्य लेखन की परंपरा अत्यंत प्राचीन है। पंचतंत्र, हितोपदेश, अमर-कथाएँ व अकबर बीरबल के क़िस्से बच्चों के साहित्य में सम्मिलित हैं। पंचतंत्र की कहानियों में पशु-पक्षियों को माध्यम बनाकर बच्चों को बड़ी शिक्षाप्रद प्रेरणा दी गई है। बाल साहित्य के अंतर्गत बाल कथाएँ, बाल कहानियां व बाल कविता सम्मिलित की गई हैं।इस श्रेणी के अंतर्गत पढ़ें
मिठाईवाली बात - अब्दुलरहमान ‘रहमान' |
मेरे दादा जी हे भाई, |
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हर देश में तू, हर भेष में तू - संत तुकड़ोजी |
हर देश में तू, हर भेष में तू, तेरे नाम अनेक तू एकही है। |
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गिलहरी - अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' |
कहते जिसे गिलहरी हैं सब । |
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बेगम के पैर | शेख़चिल्ली - भारत-दर्शन संकलन |
यह कहानी उन दिनों की है जब झज्जर महेंद्रगढ़ का ही हिस्सा हुआ करता था। उस दौरान भारत के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में विदेशियों के हमले हो रहे थे। पानीपत, रोहतक और दिल्ली जैसे शहरों पर खतरा ज्यादा था। उन दिनों नवाब झज्जर में मौजूद बुआवाल तालाब की मरम्मत करवा रहे थे, ताकि मुसीबत के समय रेवाड़ी के लोगों को पानी की किल्लत न हो। अचानक कहीं से खबर आई कि दुर्राने ने हमला कर दिया है और दुर्रानी की सेना रेवाड़ी के पास पहुंचने वाली है। |
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कौन ऋतु सर्वोत्तम है? - अकबर बीरबल के किस्से |
एक दिन बादशाह राजकीय कार्मो से अवकाश पाकर अपने दरबार में बैठे हुए थे। इधर-उधर की बातें भी हो रहीं थीं। तभी बादशाह ने पूछा—“गर्मी, बरसात, जाड़ा, हेमन्त, शिशिर और बसन्त इन छहों ऋतुओं में सर्वोत्तम ऋतु कौन-सी है?" |
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कितनी देर लगेगी ? - फ़ादर पालडेंट एस० जे० |
ईसप यूनानियों के विख्यात लेखक थे। उनकी छोटी-छोटी कहानियाँ संसार भर की सभ्यासभ्य भाषाओं में अनुवादित हैं। |
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चांदी का चमचा | बालकथा - चांद वर्मा |
गंगा के किनारे तेजभानु राजा की नगरी थी। राजा बहुत गुणी और तेजस्वी था। उसके दरबार में अनेकों प्रखर बुद्धि वाले विद्वान थे जिनपर राजा को बहुत गौरव था । यूं तो सभी एक से बढ़ कर एक योग्य पंडित थे परन्तु दीर्घ बुद्धि नाम का विद्वान अपनी विलक्षण बुद्धि के कारण सब जगह विख्यात था। |
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कुसंग का फल | पंचतंत्र - विष्णु शर्मा |
जूं और खटमल की कहानी
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हंस किसका? - भारत-दर्शन संकलन |
सुबह का समय था। उपवन में रंग-बिरंगे फूल खिले थे। फूलों की सुगंध आ रही थी। पक्षी चहचहा रहे थे। |
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माँ मारेंगी ! - रघुवीर शरण |
अगर हाथ देंगे नाली में, माँ मारेंगी । |
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उपहार | बाल कहानी - नीरज कुमार मिश्रा |
आनी का छोटा भाई तेजस खाने में बहुत नखरे करता था ,वह खाने में सिर्फ मीठा पसंद करता और थोड़ा बहुत आलू खा लेता था। |
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हाथी चल्लम-चल्लम - श्रीप्रसाद |
हल्लम हल्लम हौदा, हाथी चल्लम चल्लम |
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काला कौआ - जी० आर० |
काला कौआ आओ! आओ!! |
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मुन्ने के साथी - नफे सिंह कादयान |
चिडि़या ची ची करती है, |
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