भारत-दर्शन :: इंटरनेट पर विश्व की सबसे पहली ऑनलाइन हिंदी साहित्यिक पत्रिका
होली आई, होली आई,रंग उड़ाती होली आई।नन्हें-मुन्नों को भाति होली आई,अबीर-गुलाल से खेलो होली भाई।मतवालों की टोली चिल्लाती आई,इन्हें गुज़िया खिलाओ भाई,होली आई, होली आई।
साभार - गीत माला, सुप्रीम बुक्स
भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?
यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें
इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें