रे रंग डारि दियो राधा पर, प्यारा प्रेमी कृष्ण गोपाल। तन मन भीगा अंग-अंग भीगा, राधा हुई निहाल।। रे... गोप्या रंग रंगीली रंग में, ग्वाल सखा कान्हा के संग में। चंग बजावे रसिया गावे, गांवें राग धमाल।। रे.... श्यामा श्याम यमुन तट साजे, मधुर अनुपम बाजा बाजे। रंग भरी पिचकारी मारे, हँसे सभी ब्रिजबाल।। रे... मोर मुकुट पीताम्बर वारा, निरखे गोप्यां रूप तिहारा। राधा कृष्ण मनोहर जोरी, काटत जग जंजाल।। रे... शिवदीन रंगमय बादल छाया, मनमोहन प्रभू रंग रचाया। गुण गावां, गावां गुण कृष्णा, मोहे बरषाने ले चाल।। रे...
-शिवदीन राम |