राम बनने की प्रेरणा
‘पत्नी जी! मैं छोरा नैं राम बनने की प्रेरणा दे रियो ऊँ कैसो अच्छो काम कर रियो ऊँ!' वा बोली-‘मैं जाणूँ हूँ थैं छोरा नैं राम क्यूँ बणाणा चाहो हो अइयां दसरथ बणकै तीन घरआली लाणा चाहो हो!'
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कोई फर्क नहीं पड़ता
कोई फर्क नहीं पड़ता इस देश में राजा रावण हो या राम, जनता तो बेचारी सीता है रावण राजा हुआ तो वनवास से चोरी चली जाएगी और राम राजा हुआ तो अग्नि परीक्षा के बाद फिर वनवास में भेज दी जाएगी।
कोई फर्क नहीं पड़ता इस देश में राजा कौरव हो या पांडव, जनता तो बेचारी द्रौपदी है कौरव राजा हुए तो चीर हरण के काम आएगी और पांडव राजा हुए तो जुए में हार दी जाएगी।
कोई फर्क नहीं पड़ता इस देश में राजा हिन्दू हो या मुसमान, जनता तो बेचारी लाश है, हिन्दू राजा हुआ तो जला दी जाएगी और मुसलमान राजा हुआ तो दफना दी जाएगी।
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एक दिन म्हारी घराड़ी बोल्ली - ऐ जी, पड़ोसी की चौथी घराड़ी मरगी ते शमशान घाट हो आओ मैं बोल्यो - मैं को नी जाऊं मैं ओके घरा तीन बार हो आयो वो एक बार भी नहीं आयो...
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‘पत्नी जी! मेरो इरादो बिल्कुल ही नेक है तू सैकड़ा में एक है।' वा बोली- ‘बेवकूफ मन्ना बणाओ बाकी निन्याणबैं कूण-सी हैं या बताओ।'
- सुरेन्द्र शर्मा
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