यह संदेह निर्मूल है कि हिंदीवाले उर्दू का नाश चाहते हैं। - राजेन्द्र प्रसाद।
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रंगों का त्योहार है होली खुशियों की बौछार है होली
लाल गुलाबी पीले देखो रंग सभी रंगीले देखों
पिचकारी भर-भर ले आते इक दूजे पर सभी चलाते
होली पर अब ऐसा हाल हर चेहरे पर आज गुलाल
आओ यारो इसी बहाने दुश्मन को भी चलो मनाने
-गुलशन मदान
Bharat-Darshan, Hindi literary magazine from New Zealand
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