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कवि तुमकुम्हार हो क्या?धरते रहते हो चाक परअपनी पराई पीड़ाएंऔर गढ़ जाती हैंकविताएं ।
- अमिता शर्मा
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अतिथि सत्कार का, अनुभव है 'लेटैस्ट'।भूत समझकर चीख पड़े, देख लिए जब 'गेस्ट'।
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