जिस देश को अपनी भाषा और अपने साहित्य के गौरव का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता। - देशरत्न डॉ. राजेन्द्रप्रसाद।

बच्चों की कविताएं

यहाँ आप पाएँगे बच्चों के लिए लिखा बाल काव्य जिसमें छोटी बाल कविताएं, बाल गीत, बाल गान सम्मिलित हैं।

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घर का मतलब‌  - प्रभुद‌याल‌ श्रीवास्त‌व‌ | Prabhudyal Shrivastava

धरती सुबह-सुबह छप्पर से,
लगी जोर से लड़ने।
उसकी ऊंचाई से चिढ़कर,
उस पर लगी अकड़ने।

 
गिलहरी  - अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'

कहते जिसे गिलहरी हैं सब ।
सभी निराले उसके हैं ढब ॥

 
हमसे सब कहते - निरंकार देव सेवक

नहीं सूर्य से कहता कोई
धूप यहाँ पर मत फैलाओ,
कोई नहीं चाँद से कहता
उठा चाँदनी को ले जाओ।

 
कल के सपने - सरस्वती कुमार दीपक

बच्चे धरती के प्यारे हैं, 
ये कल के सपने न्यारे हैं।
जीवन की चंचल नदिया के, 
बच्चे अनमोल किनारे हैं।

 
मेरे जन्म दिवस पर मुझको - आनन्द विश्वास (Anand Vishvas)

मेरे जन्म दिवस पर मुझको, पापा ने उपहार दिया है।
सुन्दर पुस्तक मुझको दी है, पढ़ने वाला प्यार दिया है।
इस पुस्तक में इक बालक ने,
आतंकी को मार गिराया।
बेटा-बेटी सभी पढ़ेंगे,
का सुन्दर अभियान चलाया।
सभी पढ़ेंगे, सभी बढ़ेंगे, नारे को साकार किया है।
मेरे जन्म दिवस पर मुझको, पापा ने उपहार दिया है॥

 

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