
अकबर को अजीब चीजों का शौक था। एक दिन उन्होंने बीरबल से अजीब फ़रमाइश की, "बीरबल, मुझे हरे रंग का घोड़ा चाहिए। मैं तुम्हें सात दिन का समय देता हूँ, या तो हरे रंग का घोड़ा लाओ या अपनी शक्ल मत दिखाना।"
बीरबल जानते थे कि हरे रंग का घोड़ा होता ही नहीं है। सात दिन बाद वे दरबार में आए।
अकबर ने पूछा, "कहाँ है मेरा हरा घोड़ा?"
बीरबल ने कहा, "महाराज, घोड़ा मिल गया है लेकिन घोड़े के मालिक की दो शर्तें हैं।"
अकबर ने पूछा, "क्या शर्तें हैं?"
बीरबल बोले, "पहली शर्त यह है कि घोड़ा लेने आपको खुद जाना होगा और दूसरी शर्त यह है कि चूँकि घोड़ा खास रंग का है, तो उसे लाने का दिन भी खास होना चाहिए। यानी सप्ताह के सात दिनों (सोमवार से रविवार) के अलावा आप किसी भी दिन जाकर उसे ला सकते हैं।"
अकबर समझ गए कि बीरबल ने उनकी असंभव माँग का, असंभव जवाब देकर उन्हें फिर से मात दे दी है।
[भारत-दर्शन संकलन]