पराधीनता की विजय से स्वाधीनता की पराजय सहस्त्र गुना अच्छी है। - अज्ञात।

पंचतत्र की कहानियां | Panchtantra (बाल-साहित्य )

Print this

Author: पंचतंत्र

संस्कृत नीतिकथाओं में पंचतंत्र सर्वप्रथम माना जाता है। यद्यपि यह पुस्तक अपने मूल रुप में नहीं रह गया है, फिर भी उपलब्ध अनुवादों के आधार पर इसकी मूल रचना तीसरी शताब्दी के आस-पास मान्य है। इस ग्रंथ के रचयिता पं. विष्णु शर्मा थे। कहा जाता है कि जब इस ग्रंथ की रचना पूरी हुई, तब उनकी अयु लगभग 80 वर्ष थी। पंचतंत्र को पाँच तंत्रों (भागों) में बाँटा गया है-

मित्रभेद

मित्रलाभ
संधि- विग्रह
लब्ध प्रणाश
अपरीक्षित कारक

पंचतंत्र की कहानियाँ मनोविज्ञान, व्यवहारिकता तथा राजकाज के सिद्धांतों के विषयों को रोचक ढंग से प्रस्तुत करती हैं तथा इन सभी विषयों की सीख देती हैं।

पंचतंत्र की कई कहानियों में मनुष्यों-पात्रों के अतिरिक्त कई बार पशु-पक्षियों को भी कथा का पात्र बनाया गया है तथा उनसे कई शिक्षाप्रद बातें कहलवाने का प्रयत्न किया गया है। हम यहां कुछ पंचतंत्र की प्रमुख कथाएं प्रकाशित कर रहे हैं।

 

Back

Other articles in this series

नाग और चीटियां
मूर्ख बन्दर और बया
नीतिवान सन्यासी
चतुर खरगोश
बुद्धिमान हंस
लालची कुत्ता
सिंह को जीवित करने वाले
नकल | पंचतंत्र
संगठन में शक्ति
मूर्ख मित्र
सियार और ढोल
मूर्ख साधू और ठग
गवैया गधा
जैसे को तैसा
मित्रता की परख
लोभी गीदड़ी
चींटी सेना
शेर और खरगोश की कहानी
उल्लुओं की बस्ती में
Posted By ariif   on Thursday, 23-Apr-2015-16:59
I love to read panchtantra stories
 
Post Comment
 
 
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश