नया वर्ष कुछ ऐसा हो पिछले बरस न जैसा हो घी में उँगली मुँह में शक्कर पास पर्स में पैसा हो । भूल जाएँ सब कड़वी बातें पाएँ नई नई सौगातें नहीं काटना पड़ें वर्ष में बिन बिजली गर्मी की रातें । कोई घपला और घुटाला काण्ड न ऐसा-वैसा हो ।। नया वर्ष कुछ ऐसा हो... बच्चे खुश हों खेलें खायें रोज सभी विद्यालय जायें पढ़ें लिखें शुभ आदत सीखें करें शरारत मौज मनायें नहीं किसी के भी गड्ढ़े में गिरने का अंदेशा हो ।। नया वर्ष कुछ ऐसा हो... युवा न भटकें गलियाँ-गलियाँ मिल जाएँ सबको नौकरियाँ राहू केतु शुभ हो जाएँ मिल जाएँ सबकी कुण्डलियाँ लड़की ऐश्वर्या-सी लड़का अभिषेक बच्चन जैसा हो ।। नया वर्ष कुछ ऐसा हो... स्वस्थ रहें सब वृद्ध सयाने बच्चे उनका कहना मानें सेवा में तत्पर हो जाएँ आफिस कोर्ट कचहरी थाने डेंगू और चिकनगुनियाँ का अब प्रतिबन्ध हमेशा हो नया वर्ष कुछ ऐसा हो... नए वर्ष में नूतन नारे बना सकें नेता बेचारे गाली बकलें कोई किसी को पर जूते चप्पल न मारे नहीं विश्व में अन्त किसी का बेनजीर के जैसा हो । नया वर्ष कुछ ऐसा हो...
-शास्त्री नित्यगोपाल कटारे
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