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आलेख
प्रतिनिधि निबंधों व समालोचनाओं का संकलन आलेख, लेख और निबंध.Article Under This Catagory
हिंदी और राष्ट्रीय एकता - सुभाषचन्द्र बोस |
यह काम बड़ा दूरदर्शितापूर्ण है और इसका परिणाम बहुत दूर आगे चल कर निकलेगा। प्रांतीय ईर्ष्या-द्वेश को दूर करने में जितनी सहायता हमें हिंदी-प्रचार से मिलेगी, उतनी दूसरी किसी चीज़ से नहीं मिल सकती। अपनी प्रांतीय भाषाओं की भरपूर उन्नति कीजिए। उसमें कोई बाधा नहीं डालना चाहता और न हम किसी की बाधा को सहन ही कर सकते हैं; पर सारे प्रांतो की सार्वजनिक भाषा का पद हिंदी या हिंदुस्तानी ही को मिला। नेहरू-रिपोर्ट में भी इसी की सिफारिश की गई है। यदि हम लोगों ने तन मन से प्रयत्न किया, तो वह दिन दूर नहीं है, जब भारत स्वाधीन होगा और उसकी राष्ट्रभाषा होगी हिंदी। |
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स्वामी विवेकानंद का विश्व धर्म सम्मेलन संबोधन - भारत-दर्शन संकलन |
स्वामी विवेकानंद ने 11 सितंबर 1893 को शिकागो (अमेरिका) में हुए विश्व धर्म सम्मेलन में एक बेहद चर्चित भाषण दिया था। विवेकानंद का जब भी जि़क्र आता है उनके इस भाषण की चर्चा जरूर होती है। पढ़ें विवेकानंद का यह भाषण... |
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पुस्तक समीक्षा : आदि इत्यादि - रोहित कुमार हैप्पी |
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पुस्तक समीक्षा : ‘वीर अभिमन्यु’ नाटक ने पारसी रंगमंच पर रचा था इतिहास - रणजीत पांचाले |
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