अपनी सरलता के कारण हिंदी प्रवासी भाइयों की स्वत: राष्ट्रभाषा हो गई। - भवानीदयाल संन्यासी।
 

साक्षात्कार

साक्षात्कार के अंतर्गत हम विभिन्न लोगों से बातचीत करेंगे और उन्हें आप तक पहुँचाएंगे।

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अंडमान-निकोबार के साहित्य-सेवी व्यास मणि त्रिपाठी  - डॉ शिबन कृष्ण रैणा

अंडमान-निकोबार की राजधानी पोर्ट-ब्लेयर की आबादी लगभग डेढ़ लाख है। साफ-सुन्दर शहर है और हर तरह की आधुनिकतम सुविधाएँ उपलब्ध हैं। कुछेक वर्ष पूर्व इन्टरनेट की सुविधा यहाँ आ जाने से यह अलग-थलग पड़ा द्वीप मेनलैंड से जुड़ गया है। पर्यटन स्थल होने के कारण होटलों और विश्राम गृहओं की बहुतायत है। लगभग हर प्रदेश और जाति-धर्म के लोग यहाँ प्रेमभाव से रहते हैं। बंगला-भाषियों की संख्या कुछ ज़्यादा बताई जाती है।

 

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