मुस्लिम शासन में हिंदी फारसी के साथ-साथ चलती रही पर कंपनी सरकार ने एक ओर फारसी पर हाथ साफ किया तो दूसरी ओर हिंदी पर। - चंद्रबली पांडेय।
 

कौन (बाल-साहित्य )

Author: बालस्वरूप राही

अगर न होता चाँद, रात में
हमको दिशा दिखाता कौन?
अगर न होता सूरज, दिन को
सोने-सा चमकाता कौन?
अगर न होतीं निर्मल नदियाँ
जग की प्यास बुझाता कौन?
अगर ना होते पर्वत, मीठे
झरने भला बहाता कौन?
अगर न होते पेड़ भला फिर
हरियाली फैलाता कौन?
अगर न होते फूल बताओ
खिल-खिलकर मुसकाता कौन?
अगर न होते बादल, नभ में
इंद्रधनुष रच पाता कौन?
अगर न होते हम तो बोलो
ये सब प्रश्न उठाता कौन?

- बालस्वरूप राही

 

Back

 
Post Comment
 
 
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश