म्याऊँ म्याऊँ म्याऊँ क्या खाऊँ, क्या खाऊँ
चूहे बड़े चतुर हैं भागे इधर-उधर हैं कैसे उनको पाऊँ म्याऊँ म्याऊँ म्याऊँ
आज चली जाऊँगी फिर न कभी आऊँगी पर किस घर में जाऊँ म्याऊँ म्याऊँ म्याऊँ
भूख लगी है ऐसी तुमको लगती जैसी कैसे तुम्हें बताऊँ म्याऊँ म्याऊँ म्याऊँ
तुम कुछ अपने घर से ला दो छींके पर से अपनी भूख मिटाऊँ म्याऊँ म्याऊँ म्याऊँ
- श्रीप्रसाद |