साहित्य का स्रोत जनता का जीवन है। - गणेशशंकर विद्यार्थी।

व्यंग्य

हिंदी व्यंग्य. Hindi Satire.

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एक नफरत कथा | व्यंग्य - शंकर पुणतांबेकर

यह सही है कि ‘हेट्रेड इज ब्लाइंड’, वरना 'ख' में ऐसा कुछ बुरा नही था कि उसे देख 'क' उससे नफरत करने लगता। 'ख' की जाति, वर्ण, दृष्टि, खानपान, बोली, त्योहार भिन्न थे पर बुरे नहीं. या यों कहें कि वे ऐसे ही अच्छे-बुरे थे जैसे क के. फिर भी क ख की नफरत में पड़ गया। 'क' ने उसे एक फंक्शन में देखा जो उसी की जमात का था। यहां 'ख' से 'क' की चार आंखें हुईं और उसकी उससे नफरत हो गयी। यह एक प्रकार से फर्स्ट साइट हेट्रेड थी।

 
प्रधान जी - रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड

अमरीका में एक कहावत प्रचलित थी लेकिन आजकल अनेक कारणों से इसका प्रयोग लगभग वर्जित ही है। कहावत थी-- ‘Too many chiefs and not enough Indians.’  इस कहावत का देसी अर्थ हुआ, ‘प्रधान सब हैं, काम करने को कोई तैयार नहीं।‘ इस कहावत का संबंध तो अमरीका के मूल निवासियों (रेड इंडियंस) पर आधारित है लेकिन ‘इंडियन’ तो इंडियन हैं, क्या लाल, क्या पीले!      

 

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