मैं दुनिया की सब भाषाओं की इज्जत करता हूँ, परन्तु मेरे देश में हिंदी की इज्जत न हो, यह मैं नहीं सह सकता। - विनोबा भावे।
 

बच्चों की कविताएं

यहाँ आप पाएँगे बच्चों के लिए लिखा बाल काव्य जिसमें छोटी बाल कविताएं, बाल गीत, बाल गान सम्मिलित हैं।

Article Under This Catagory

कठपुतली - त्रिलोक सिंह ठकुरेला

ठुमक-ठुमक नाचे कठपुतली 
सबके मन को मोहे।
रंग बिरंगे सुन्दर कपड़े 
उसके तन पर सोहे॥

 
डर भी पर लगता तो है न - दिविक रमेश

चटख मसाले और अचार
कितना मुझको इनसे प्यार!
नहीं कराओ  इनकी   याद
देखो  देखो  टपकी  लार।

 
प्यारे बादल - त्रिलोक सिंह ठकुरेला

देखो, माँ! नभ में आ पहुँचे, 
ये घनघोर सुघड़ बादल। 
इन्हें देखकर इतराई, झूमी, 
हवा हुई कितनी चंचल॥ 

 

सब्स्क्रिप्शन

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश