Important Links
हास्य काव्य
भारतीय काव्य में रसों की संख्या नौ ही मानी गई है जिनमें से हास्य रस (Hasya Ras) प्रमुख रस है जैसे जिह्वा के आस्वाद के छह रस प्रसिद्ध हैं उसी प्रकार हृदय के आस्वाद के नौ रस प्रसिद्ध हैं - श्रृंगार रस (रति भाव), हास्य रस (हास), करुण रस (शोक), रौद्र रस (क्रोध), वीर रस (उत्साह), भयानक रस (भय), वीभत्स रस (घृणा, जुगुप्सा), अद्भुत रस (आश्चर्य), शांत रस (निर्वेद)।Article Under This Catagory
हिन्दी-हत्या - अरुण जैमिनी |
सरकारी कार्यालय में |
more... |
नेतावाणी-वंदना | हास्य कविता - डॉ रामप्रसाद मिश्र |
जय-जय-जय अंग्रेज़ी-रानी ! |
more... |
ढोल, गंवार... - सुरेंद्र शर्मा |
मैंने अपनी पत्नी से कहा -- |
more... |
क्या बताएं आपसे हम - हुल्लड़ मुरादाबादी |
क्या बताएं आपसे हम हाथ मलते रह गए |
more... |