भारतीय साहित्य और संस्कृति को हिंदी की देन बड़ी महत्त्वपूर्ण है। - सम्पूर्णानन्द।
मानव धर्म सर्वोपरि (कथा-कहानी)    Print  
Author:स्वामी विवेकानंद
 

स्वामी विवेकानंद बेलूर में श्री रामकृष्ण परमहंस मठ की स्थापना हेतु धन संग्रह कर रहे थे। भूमि भी खरीदी जा चुकी थी। इन्हीं दिनों कलकत्ता में प्लेग की महामारी फैल गई। स्वामीजी तुरंत मठ निर्माण की योजना स्थगित कर सारी एकत्रित धनराशि ले रोगियों की सेवा में लग गए। किसी ने उनसे पूछा- 'अब मठ का निर्माण कैसे होगा?'

स्वामीजी ने उत्तर दिया- 'इस समय मठ निर्माण से अधिक मानव सेवा की आवश्यकता है। मठ तो फिर भी बन सकता है परन्तु गया हुआ मानव हाथ नहीं आएगा। आवश्यकता पड़ी तो मैं इसके लिए मठ की भूमि भी बेच दूंगा। मठ का निर्माण मानव धर्म से ऊपर नहीं है।'

स्वामी विवेकानंद मानव धर्म को सर्वोपरि समझते थे।

[भारत-दर्शन संकलन]

 

Back
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें