हिंदी भाषा को भारतीय जनता तथा संपूर्ण मानवता के लिये बहुत बड़ा उत्तरदायित्व सँभालना है। - सुनीतिकुमार चाटुर्ज्या।
धुंध है घर में उजाला लाइए (काव्य)    Print  
Author:ऋषभदेव शर्मा
 

धुंध है घर में उजाला लाइए
रोशनी का इक दुशाला लाइए

केचुओं की भीड़ आँगन में बढ़ी
आदमी अब रीढ़ वाला लाइए

जम गया है मोम सारी देह में
गर्म फौलादी निवाला लाइए

जूझने का जुल्म से संकल्प दे
आज ऐसी पाठशाला लाइए

- डॉ.ऋषभदेव शर्मा
  (तरकश, 1996)

 

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