Important Links
विजय कुमार मल्होत्रा | Profile & Collections
विजय कुमार मल्होत्रा का नाम माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के हिंदी रूपांतरण की रूपरेखा विकसित करने वाले तकनीकीविद के रूप में जाना जाता है। विजय कुमार मल्होत्रा का जन्म 28 अगस्त, 1946 को हुआ।
कार्यक्षेत्र
आपने अनुप्रयुक्त भाषाविज्ञान, प्राकृतिक भाषा संसाधन, कंप्यूटरी भाषाविज्ञान और मशीनी अनुवाद के क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दिया है। इससे पहले मल्होत्रा जी ने राजभाषा विभाग, रेल मंत्रालय में निदेशक(राजभाषा) के रूप में वर्षों तक हिंदी की सेवा की है। आपने यू.के. और अमरीका के विश्वविद्यालयों में अध्यापन और शोध कार्य में बहुसमय तक प्रवृत्त रहे हैं। ‘राजभाषा के नये आयाम' और ‘हिंदी में कंप्यूटर के भाषिक आयाम' शीर्षक उनकी दो मौलिक पुस्तकें प्रकाशित हैं।
सम्मान एवं पुरस्कार
सेवानिवृत्ति के उपरांत आप हिंदी और भारतीय भाषाओं के तकनीकी विकास से जुड़े पोर्टल ‘भाषा इंडिया' से जुड़े हुए हैं। मल्होत्रा जी को उनकी सेवाओं के लिए माइक्रोसॉफ्ट का सर्वाधिक प्रतिष्ठित एम.वी.पी. पुरस्कार पांच बार प्राप्त हो चुका है। विजय कुमार मल्होत्रा को आत्माराम पुरस्कार से सम्मानित करते हुए केंद्रीय हिंदी संस्थान गौरव का अनुभव कर रहा है।
विजय कुमार मल्होत्रा 's Collection
Total Records: 1
हिंदी में आगत शब्दों के लिप्यंतरण के मानकीकरण की आवश्यकता
इसमें संदेह नहीं कि आज हिंदी पत्रकारिता का क्षेत्र बहुत व्यापक होता जा रहा है, मुद्रण से लेकर टी.वी. चैनल और इंटरनैट तक मीडिया के सभी स्वरूपों में नये-नये प्रयोग किये जा रहे हैं। टी.वी. चैनल के मौखिक स्वरूप में हिंदी के साथ अंग्रेज़ी शब्दों का प्रयोग बहुत सहज लगता है, क्योंकि मौखिक बोलचाल में आज हम हिंदी के बजाय हिंगलिश के प्रयोग के आदी होते जा रहे हैं, लेकिन जब वही बात अखबारों और पत्र-पत्रिकाओं में मुद्रित रूप में सामने आती हैं तो कई प्रश्न उठ खड़े होते हैं। अर्थ का अनर्थ होने के खतरे भी सामने आ जाते हैं। ध्वन्यात्मक होने की विशेषता के कारण हम जो भी लिखते हैं, उसी रूप में उसे पढ़ने की अपेक्षा की जाती है। इसी विशेषता के कारण देवनागरी लिपि को अत्यंत वैज्ञानिक माना जाता है। उदाहरण के लिए taste और test दो शब्द हैं। अंग्रेज़ी के इन शब्दों को सीखते समय हम इनकी वर्तनी को ज्यों का त्यों याद कर लेते हैं। इतना ही नहीं put और but के मूलभूत अंतर को भी वर्तनी के माध्यम से ही याद कर लेते हैं। Calf, half और psychology में l और p जैसे silent शब्दों की भी यही स्थिति है। कुछ विद्वान् तो अब हिंदी के लिए रोमन लिपि की भी वकालत भी करने लगे हैं। ऐसी स्थिति में अंग्रेज़ी के आगत शब्दों के हिंदी में लिप्यंतरण पर गंभीरता पूर्वक विचार करने की आवश्यकता है।