कैसे निज सोये भाग को कोई सकता है जगा, जो निज भाषा-अनुराग का अंकुर नहिं उर में उगा। - हरिऔध।
 

नीरज के गीत

नीरज के गीत वीडियो  |  Neeraj Ka Geet Video
अब तो मजहब कोई 

 

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