जब हम अपना जीवन, जननी हिंदी, मातृभाषा हिंदी के लिये समर्पण कर दे तब हम किसी के प्रेमी कहे जा सकते हैं। - सेठ गोविंददास।
 

अटल जी की कविता | अटल जयंती

अटल बिहारी वाजपेयी की कविता, 'ऊंचाई' उन्हीं की आवाज़ में। 

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