समाज और राष्ट्र की भावनाओं को परिमार्जित करने वाला साहित्य ही सच्चा साहित्य है। - जनार्दनप्रसाद झा 'द्विज'।

ठाकुर का कुआँ वीडियो

ठाकुर का कुआँ' - प्रेमचंद की कहानी का विडियो। यदि आप कहानी पढ़ना चाहें तो आप इसे 'भारत-दर्शन' के निम्नलिखित पृष्ठ पर पढ़ सकते हैं:

https://www.bharatdarshan.co.nz/magazine/literature/1159/thakaur-ka-kaua-premchand.html

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