चिट्ठी में है मन का प्यार चिट्ठी है घर का अखबार इस में सुख-दुख की हैं बातें प्यार भरी इस में सौग़ातें कितने दिन कितनी ही रातें तय कर आई मीलों पार।
यह आई मम्मी की चिट्ठ लिखा उन्होंने प्यारी किट्टी मेहनत से तुम पढ़ना बेटी पढ़-लिखकर होगी होशियार। पापा पोस्ट कार्ड लिखते हैं। घने-घने अक्षर दिखते हैं।
जब आता है बड़ा लिफ़ाफ़ा समझो चाचा का उपहार। छोटा-सा काग़ज़ बिन पैर करता दुनिया भर की सैर नए-नए संदेश सुनाकर जोड़ रहा है दिल के तार।
- प्रकाश मनु
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