हिन्दी दिवस पर एक नेता जी बतिया रहे थे, 'मेरी पब्लिक से ये रिक्वेस्ट है कि वे हिन्दी अपनाएं इसे नेशनवाइड पापुलर लेंगुएज बनाएं और हिन्दी को नेशनल लेंगुएज बनाने की अपनी डयूटी निभाएं।'
'थैंक्यू' करके नेताजी ने विराम लिया।
जनता ने क्लैपिंग लगाई कुछ लेडिज - 'वेल डन! वेल डन!!' चिल्लाईं।
'सब अँग्रेज़ी बोल रहे है..' 'हिन्दी-दिवस?'...मैं बुदबुदाया।
'हिन्दी दिवस नहीं, बे! हिन्दी डे!' साथ वाले ने मुझ अल्पज्ञानी को समझाया।
-रोहित कुमार 'हैप्पी' |