यदि हम अंग्रेजी दूसरी भाषा के समान पढ़ें तो हमारे ज्ञान की अधिक वृद्धि हो सकती है। - जगन्नाथप्रसाद चतुर्वेदी।
 
बाजार का ये हाल है | हास्य व्यंग्य संग्रह (काव्य)     
Author:शैल चतुर्वेदी | Shail Chaturwedi

 बाज़ार का ये हाल है  - हास्य-व्यंग्य-संग्रह

 

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