मैं महाराष्ट्री हूँ, परंतु हिंदी के विषय में मुझे उतना ही अभिमान है जितना किसी हिंदी भाषी को हो सकता है। - माधवराव सप्रे।
 
हत्या (कथा-कहानी)     
Author:डॉ रामनिवास मानव | Dr Ramniwas Manav

चौराहे पर चर्चा चल रही थी। पूर्णिमा-हत्याकांड के सभी आरोपी बरी हो गये लेकिन प्रश्न था कि जब पूर्व-आरोपियों ने उसे नहीं मारा, तो फिर मारा किसने?

इस गंभीर प्रश्न का सरल-सा उत्तर था एक सामान्य से आदमी के पास ‘कानून ने।’

-डॉ रामनिवास मानव 

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