हिंदी समस्त आर्यावर्त की भाषा है। - शारदाचरण मित्र।
 
उलाहना  (कथा-कहानी)     
Author:सआदत हसन मंटो | Saadat Hasan Manto

"देखो यार। तुम ने ब्लैक मार्केट के दाम भी लिए और ऐसा रद्दी पेट्रोल दिया कि एक दुकान भी न जली।"

--मंटो

Previous Page  | Index Page  |   Next Page
 
 
Post Comment
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश