जब हम अपना जीवन, जननी हिंदी, मातृभाषा हिंदी के लिये समर्पण कर दे तब हम किसी के प्रेमी कहे जा सकते हैं। - सेठ गोविंददास।
 

मामा आए, मामा आए | शिशु कविता (बाल-साहित्य )

Author: अमरनाथ

मामा आए, मामा आए
मामा आए, क्या क्या लाए

        मामा लाए चना चबेना
        मामा लाए तोता मैना
        मामा लाए खेल खिलौना
        मामा लाए बुड्डा बौना
        मामा लाए बानर भालू
        मामा लाए बैंगन आलू
        मामा लाए गुड्डा गुड़िया
        मामा लाए मीठी पुड़िया

                       -अमरनाथ

 

 

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