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आदमी आदमी को क्या देगा | ग़ज़ल (काव्य) |
Author: सुदर्शन फ़ाकिर
आदमी आदमी को क्या देगा
जो भी देगा वही ख़ुदा देगा
मेरा कातिल ही मेरा मुनिसफ़ है
क्या मेरे हक में फ़ैसला देगा
ज़िंदगी को करीब से देखो
इसका चेहरा तुम्हें रुला देगा
हमसे पूछो ना दोस्ती का सिला
दुश्मनों का भी दिल हिला देगा
-सुदर्शन फ़ाकिर
[खूबसूरत ग़ज़लों से लाखों के दिल पर राज करने वाले ग़ज़लकार सुदर्शन फ़ाकिर की एक ग़ज़ल]