क्या संसार में कहीं का भी आप एक दृष्टांत उद्धृत कर सकते हैं जहाँ बालकों की शिक्षा विदेशी भाषाओं द्वारा होती हो। - डॉ. श्यामसुंदर दास।
 

होली | बाल कविता (बाल-साहित्य )

Author: गीत माला

होली आई, होली आई,
रंग उड़ाती होली आई।
नन्हें-मुन्नों को भाति होली आई,
अबीर-गुलाल से खेलो होली भाई।
मतवालों की टोली चिल्लाती आई,
इन्हें गुज़िया खिलाओ भाई,
होली आई, होली आई।

साभार - गीत माला, सुप्रीम बुक्स

 

Back

 
Post Comment
 
 
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश