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अर्जुन और द्रौपदी | करवा चौथ (कथा-कहानी) |
Author: भारत-दर्शन संकलन
भगवती पार्वती द्वारा पति की दीर्घायु एवं सुख-संपत्ति की कामना हेतु कोई उत्तम विधि पूछने पर भगवान शिव ने पार्वती से करवा चौथ का व्रत रखने के लिए जो कथा सुनाई, वह इस प्रकार थी -
एक समय की बात हैं। पांडव पुत्र अर्जुन नीलगिरि पर्वत पर गया हुआ था। किन्ही कारणों से वहाँ वह रुक गया। उसके बात पांडवों पर गहन संकट आ गया। द्रौपदी बहुत चिंतामग्न हुई। उसने भगवान कृष्ण का ध्यान किया। भगवान कृष्ण ने उसे दर्शन दिए और बोले- हे द्रौपदी, तुम्हारी चिंता एवं संकट का कारण में जानता हूँ, इसलिए तुम्हें एक उपाय बताता हैं। कार्तिक कृष्ण चतुर्थी आने वाली है, उस दिन तुम करवा चौथ का व्रत करना। शिव, गणेश एवं पार्वती की उपासना करना, सब ठीक हो जाएगा। द्रौपदी ने वैसा ही किया। उसे शीघ्र पति के दर्शन हुए और उसकी चिंता दूर हुई।
शिव ने पार्वती से कहा- पार्वती, सुहागिन इस व्रत के बल पर अपने पति के आकस्मिक कष्ट एवं उसके जीवन को यमराज से भी वापस माँग कर ला सकती है।
[भारत-दर्शन]