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अश्कों ने जो पाया है (काव्य) |
Author: साहिर लुधियानवी
अश्कों ने जो पाया है वो गीतों में दिया है
इस पर भी सुना है कि जमाने को गिला है
जो तार से निकली है वो धुन सबने सुनी है
जो साज़ पे गुज़री है वो किस दिल को पता है
हम फूल हैं औरों के लिए लाए हैं ख़ुशबू
अपने लिए ले दे के इक दाग मिला है
-साहिर लुधियानवी