हिंदी चिरकाल से ऐसी भाषा रही है जिसने मात्र विदेशी होने के कारण किसी शब्द का बहिष्कार नहीं किया। - राजेंद्रप्रसाद।
 

अमरनाथ की पौराणिक कथाएं  (कथा-कहानी)

Author: रोहित कुमार 'हैप्पी'

अमरनाथ धाम के बारे में कई कहानियां प्रचलित हैं। सबसे लोकप्रिय कथा अमर कबूतर-कबूतरी की है।

अमर कबूतर-कबूतरी की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार इस गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को समस्‍त सृष्‍टि की रचना और मानवता के लिए मोक्ष के तरीकों का रहस्‍य बताया था।

जब माता पार्वती को भगवान शिव अमर होने की कथा सुना रहे थे तो माता पार्वती कथा को सुनते हुए सो गईं, लेकिन यह कथा एक कबूतर के जोड़े ने सुन ली तब से वो अमर हो गए। कबूतरों के इस जोड़े ने गुफा को अपना चिरकालिक स्‍थान बना लिया और आज भी गुफा में श्रद्धालुओं को दो कबूतर बैठे हुए दिखाई देते हैं। मान्यता है कि जो भी भक्त अमरनाथ यात्रा के लिए इस गुफा में आता है, इस कबूतर जोड़े के दर्शन होना किसी दैवीय कृपा से कम नहीं।

- रोहित कुमार 'हैप्पी'

 

उपरोक्त 'कबूतर के जोड़े'  वाली कथा के अतिरिक्त एक अन्य निम्नलिखित कथा भी प्रचलित है:

 

मुस्लिम चरवाहे की कथा

ऐसा माना जाता है कि बूटा मलिक नाम के एक मुस्‍लिम चरवाहे को एक ऋषि ने कोयले का एक बोरा दिया। घर पहुंचने के बाद मलिक ने पाया कि बोरे में सोना भरा हुआ है। वह इतना खुश हो गया कि खुशी के मारे ऋषि का आभार व्‍यक्‍त करने के लिए वापस उनके पास पहुंचा। वहां उसने एक चमत्‍कार देखा। उसे एक गुफा देखकर अपनी आंखों पर विश्‍वास नहीं हुआ। तभी से पवित्र गुफा वार्षिक तीर्थ यात्रा का स्‍थान बन गई।

- रोहित कुमार 'हैप्पी'

 

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