भाषा का निर्माण सेक्रेटरियट में नहीं होता, भाषा गढ़ी जाती है जनता की जिह्वा पर। - रामवृक्ष बेनीपुरी।
मोबाइल में गुम बचपन  (काव्य)  Click to print this content  
Author:डॉ दीपिका

Kids Playing on Mobile

सच ही तो है,
मोबाइल ने गुमाया बचपन।
क्या खूब थी, वो सुबह
सूर्य की लालिमा और दूर तलक बच्चों की सभा।
क्या खूब थी पेड़ो की छाँव,
जब पर्चियों के खेल थे
गली में बच्चों के भी मेल थे।
क्या खूब थी वो शाम,
पिठू, बैटबॉल, बैडमिंटन के नाम।
सब लुप्त कर दिया
इस मोबाइल ने,
ले लिया बचपन
अपने 'स्टाइल' में।

--डॉ दीपिका
ई-मेल: deep2581@yahoo.com

 

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