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एक थे राजा, एक थी रानीदोनों करते थे मनमानीराजा का तो पेट बड़ा थारानी का भी पेट घड़ा था
खूब वे खाते छक-छककरफिर सो जाते थक-थककर
काम यही था बक-बक, बक-बक,नौकर से बस झक-झक, झक-झक।
- जयप्रकाश भारती[हिंदी के सर्वश्रेष्ठ बालगीत, १९८७, पराग प्रकाशन, दिल्ली]
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