जिस देश को अपनी भाषा और अपने साहित्य के गौरव का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता। - देशरत्न डॉ. राजेन्द्रप्रसाद।
 
मंत्र  (कथा-कहानी)     
Author:शैल चन्द्रा

नवनियुक्त क्लर्क हेमराज अपने अन्य बाबूओं की ठाठ-बाठ देख हतप्रभ था और अपनी दीनता पर मायूस।

बड़े बाबू ने उसके कान में एक मंत्र दिया। उस मंत्र का असर ऐसा हुआ कि हेमराज के भी ठाठ-बाठ हो गए। उसने सायकल छोड़ दी। अब वह बाइक से कार्यालय आने लगा।

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