क्या संसार में कहीं का भी आप एक दृष्टांत उद्धृत कर सकते हैं जहाँ बालकों की शिक्षा विदेशी भाषाओं द्वारा होती हो। - डॉ. श्यामसुंदर दास।
 
कृष्ण उवाच (काव्य)     
Author:बाबू लाल सैनी

मुझे सब पता है, तुमने राज्य का क्या हाल किया है ?
धृतराष्ट्र को, बिल्कुल मनमोहन सिंह बना दिया है !
जुए में जीत कर हीरो बनते हो ?
डेमोक्रेसी के नाम पर दुनिया को छलते हो ?
लेकिन अब सिर्फ सच चलेगा,
कोई कहानी नहीं,
क्योंकि, मेरा नाम कृष्ण है,
आडवाणी नहीं।

- बाबू लाल सैनी
ई-मेल: sainibl96@gmail.com

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