कल कहाँ थे कन्हाई हमें रात नींद न आई आओ -आओ कन्हाई न बातें बनाओ कल कहाँ थे कन्हाई हमें रात नींद न आई।
एजी अपनी जली कुछ कह बैठूँगी, सास सुनेगी रिसाई हमें नींद न आई।
एजी तुमरी तो रैन -रैन से गुजरी, कुवजा से आँख लगाई हमें रात नींद न आई।
एजी चोया चंदन और आरती, मोति न मांग भराई हमें रात नींद न आई।
कल थे कहाँ कन्हाई हमें रात नींद न आई, आओ -आओ कन्हाई न बातें बनाओ, कल थे कहाँ कन्हाई हमें रात नींद न आई।
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