जिस देश को अपनी भाषा और अपने साहित्य के गौरव का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता। - देशरत्न डॉ. राजेन्द्रप्रसाद।
 
काला कौआ (बाल-साहित्य )     
Author:जी० आर०

काला कौआ आओ! आओ!!
दूध कटोरी का पी जाओ!

काला कौआ आओ! आओ!!
दूध कटोरी लेते जाओ!

काला कौआ आओ! आओ!!
भात कटोरी का खा जाओ!

काला कौआ आओ ! आओ!!
मेरे लाला को समझाओ!

- जी० आर०

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