भाषा राष्ट्रीय शरीर की आत्मा है। - स्वामी भवानीदयाल संन्यासी।
 
रामधारी सिंह दिवाकर को 2018 का श्रीलाल शुक्‍ल सम्‍मान (विविध)     
Author:भारत-दर्शन समाचार

भारत (31 जनवरी 2019) इफको द्वारा 2018 का 'श्रीलाल शुक्‍ल स्‍मृति इफको साहित्‍य सम्‍मान' वरिष्‍ठ कथाकार रामधारी सिंह दिवाकर को प्रदान किया गया है। उन्‍हें यह सम्‍मान गुरुवार (31 जनवरी) को नई दिल्‍ली के एनसीयूआई ऑडिटोरियम में आयोजित एक समारोह में सुविख्‍यात साहित्‍यकार मृदुला गर्ग ने प्रदान किया। विशिष्‍ट अतिथि के तौर पर जिलियन राइट ( कथाकार श्रीलाल शुक्ल की पुस्‍तक राग दरबारी का अंग्रेजी में अनुवाद करने वाली लेखिका ) की उपस्थिति में पुरस्‍कार स्‍वरूप रामधारी सिंह दिवाकर को एक प्रतीक चिह्न, प्रशस्ति पत्र और 11 लाख रुपए की राशि प्रादन की गई है।

समारोह के दौरान वरिष्‍ठ कथाकार रामधारी सिंह दिवाकर ने ग्रामीण क्षेत्रों की बदहाली का उल्लेख करते हुए कहा, 'मैं 70 फीसदी वाले उस गांव का लेखक हूं, जहां तकरीबन 20 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे रहते है। मैं उस गांव का लेखक हूं, जहां कृषि कर्म पर निर्भर, अपने भाग्‍य को कोसते, कर्ज में डूबे, खेती से भी लागत खर्च न निकाल पाने वाले किसान रहते हैं।'

उन्‍होंने आगे कहा, 'लाखों-लाख की संख्‍या में जहां के मजदूर रोजी-रोटी की तलाश में पलायन करते हैं, जहां की आबादी से देश-प्रदेश की शासन सत्‍ता बनती बदलती है, जहां हाथों में मोबाइल फोन लिए नौकरी-रोजगार की तलाश में नौजवानों की विशाल आबादी आश्‍वासनों के सपने संजोए भौंचक सी खड़ी है, गांव के उसी दिशाहीन चौराहे पर खड़ा मै एक हिंदी का लेखक हूं।'

इस अवसर पर महमूद फारूखी और दारैन शाहिदी द्वारा श्रीलाल शुक्‍ल के उपन्‍यास 'राग दरबारी' पर आधारित दास्‍तानगोई की संगीतमय प्रस्‍तुति भी की गई।

इफको ने वरिष्ठ कथाकर रामधारी सिंह दिवाकर को वर्ष 2018 का 'श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान' देने की घोषणा पिछले वर्ष अक्टूबर में की थी।

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