भारत-दर्शन::इंटरनेट पर विश्व की सबसे पहली ऑनलाइन हिंदी साहित्यिक पत्रिका
गंगा-जमना निरमळ पाणी सीतल होत सरीर । बंसी बजावत गावत कान्हो संग लियाँ बळ बीर ।।
मोर मुगट पीतांबर सोहै कुण्डळ झळकत हीर । मीराके प्रभु गिरधर नागर चरणकॅवलपर सीर ।।
-मीरा
amp-form
इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें