जिस देश को अपनी भाषा और अपने साहित्य के गौरव का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता। - देशरत्न डॉ. राजेन्द्रप्रसाद।
 

राष्ट्र गान

राष्ट्र-गान (National Anthem) संवैधानिक तौर पर मान्य होता है और इसे संवैधानिक विशेषाधिकार प्राप्त होते हैं। रबींद्रनाथ टैगोर द्वारा रचित, 'जन-गण-मन' हमारे देश भारत का राष्ट्र-गान है। किसी भी देश में राष्ट्र-गान का गाया जाना अनिवार्य हो सकता है और उसके असम्मान या अवहेलना पर दंड का विधान भी हो सकता है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार यदि कोई व्यक्ति राष्ट्र गान के अवसर पर इसमें सम्मिलित न होकर, केवल आदरपूर्वक मौन खड़ा रहता है तो उसे अवहेलना नहीं कहा जा सकता। भारत में धर्म इत्यादि के आधार पर लोगों को ऐसी छूट दी गई है।

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