भारत-दर्शन::इंटरनेट पर विश्व की सबसे पहली ऑनलाइन हिंदी साहित्यिक पत्रिका
दीप जलाओ दीप जलाओआज दिवाली रेखुशी-खुशी सब हँसते आओआज दिवाली रे।
मैं तो लूँगा खील-खिलौनेतुम भी लेना भाईनाचो गाओ खुशी मनाओआज दिवाली आई।
आज पटाखे खूब चलाओआज दिवाली रेदीप जलाओ दीप जलाओआज दिवाली रे।
नए-नए मैं कपड़े पहनूँखाऊँ खूब मिठाईहाथ जोड़कर पूजा कर लूँआज दिवाली आई।
- अज्ञात
amp-form
इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें