जन्म मरण समय की गति के हैं दो चरण
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किसको मिला वफा का दुनिया में वफा ही सिला
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वो हैं अकेले दूर खड़े होकर देखें जो मेले
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मेरी जवानी कटे हुये पंखों की एक निशानी
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वो है अपने देखें हो मैंने जैसे झूठे सपने
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किससे कहें सब के सब दुख खुद ही सहें
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ओस की बूंद फूल पर सोई जो धूल में मिली
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वो हैं अपने जैसे देखे हैं मैंने कुछ सपने
-गोपाल दास नीरज
[हाइकु जापानी शैली का छंद है। इसमें 17 वर्ण होते हैं और इसे तीन पंक्तियों में लिखा जाता है। पहली पंक्ति में पांच वर्ण, दूसरी में सात, और तीसरी में फिर पांच वर्ण होते हैं।]
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