वह हृदय नहीं है पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं। - मैथिलीशरण गुप्त।
 
बेरोज़गार मित्र का जवाब (काव्य)       
Author:शैल चतुर्वेदी | Shail Chaturwedi

हास्य, बेरोज़गार मित्र का जवाब, शैल चतुर्वेदी की हास्य कविता, Hasya Kavita,Shail Chaturvedi

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