हिन्दी की आधुनिक उपन्यासकार और कहानीकार सूर्यबाला का जन्म 25 अक्टूबर 1943 को वाराणसी में हुआ। समकालीन कथा साहित्य में सूर्यबाला का लेखन विशिष्ट महत्व रखता है।
समाज, जीवन, परंपरा, आधुनिकता एवं उससे जुड़ी समस्याओं को सूर्यबाला एकदम खुली, मुक्त एवं नितांत निजी दृष्टि से देखने का प्रयत्न करती हैं। उनमें किसी विचारधारा के प्रति न अंध-भक्ति देखने को मिलती है, न एकांगी विद्रोह।
सूर्यबाला ने बी.एच.यू से हिंदी साहित्य में उच्च शिक्षा ली।
पहली कहानी 1972 में प्रकाशित हुई, जबकि पहला उपन्यास 'मेरे संधिपत्र' 1975 में आया। सूर्यबाला की अब तक 19 से भी ज्यादा कृतियां (पांच उपन्यास, दस कथा संग्रह, चार व्यंग्य संग्रह के अलावा डायरी व संस्मरण) प्रकाशित हो चुके हैं।
'मेरे संधि पत्र', 'सुबह के इंतजार तक', 'अग्निपंखी', 'यामिनी कथा' और 'दीक्षांत' उनकी प्रमुख कृतियां हैं। सूर्यबाला को प्रियदर्शिनी पुरस्कार, व्यंग्य श्री पुरस्कार और हरिशंकर परसाई स्मृति सम्मान से अलंकृत जा चुका है।
पढ़िए सूर्यबाला की रचना, 'अगली सदी का शोध-पत्र।'
[ भारत-दर्शन संकलन ] |